अदालत ने इससे पहले देवली से विधायक जारवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा था कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, जहां राज्य और अधिकारी असुरक्षित महसूस करते हैं और एक-दूसरे द्वारा डराए-धमकाए जाते हैं।
जारवाल ने इसके बाद एक सत्र अदालत का रुख किया, जहां फिर उन्हें राहत नहीं मिली। अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि इससे ज्यादा चिंताजनक स्थिति नहीं हो सकती कि कानून बनाने वाले ही विधि के शासन का सम्मान नहीं कर रहे। (भाषा)