श्रीनगर। हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने और उसके बाद हुई घातक हिंसा के मद्देनजर श्रीनगर एवं दक्षिण कश्मीर के चार जिलो में लोगों की गतिविधियों पर लगाए गए प्रतिबंध आज भी जारी रहे।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के चार जिलों और श्रीनगर शहर के अधिकतर इलाकों में एहतियातन आज भी प्रतिबंध जारी रहेंगे। उन्होंने बताया कि घाटी में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लागू किए गए हैं। अलगाववादी समूहों ने हड़ताल का आह्वान किया है, जिसके कारण घाटी में जनजीवन प्रभावित रहा।
अलगाववादी समूहों ने हड़ताल की अवधि को बढ़ाकर कल 13 जुलाई कर दिया था। इसी दिन उन लोगों की 85वीं बरसी है जिन्होंने 1931 में राज्य में महाराजा हरि सिंह के शासन के खिलाफ लड़ाई में जान गंवाई थी।
अधिकारियों ने बताया कि दुकानें, निजी कार्यालय, व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं पेट्रोल पंप बंद रहे और सरकारी कार्यालयों एवं बैंकों में भी बहुत कम लोगों की उपस्थिति देखी गई।
उन्होंने बताया कि लगातार चौथे दिन सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे जबकि जिन क्षेत्रों में कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, उनके कुछ स्थानों पर निजी कार एवं ऑटो रिक्शा चलते देखे गए।
गर्मी की छुट्टियों के कारण घाटी में शैक्षणिक संस्थान बंद हैं, जबकि कश्मीर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, इस्लामिक युनिवर्सिटी आफ साइंसेज एंड टेक्नोलाजी और जम्मू एंड कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने मौजूदा स्थिति के मद्देनजर परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
इससे पहले अलगाववादी समूहों ने वानी की हत्या के बाद शुक्रवार को एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया था।
इसके बाद कथित रूप से सुरक्षा बलों की गोलीबारी में असैन्य नागरिकों की हत्या के विरोध में हड़ताल दो दिन और बढ़ा दी गई। हड़ताल की अवधि कल फिर से बढ़ा दी गई।
सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारक और मोहम्मद यासीन मलिक समेत अधिकतर अलगाववादी नेता या तो हिरासत में हैं या नजरबंद हैं। (भाषा)