पुणे जिले में भीमा कोरेगांव स्थित एक युद्ध स्मारक पर दलितों के जाने और वहां उन पर हमले के बाद इस साल जनवरी में महाराष्ट्र के कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इसी तरह, नौकरी और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय का आंदोलन इस साल जुलाई और अगस्त में हिंसक हो गया था।
समिति ऐसे मामले वापस लेने पर विचार कर सकती है, जिसमें निजी या सरकारी संपत्तियों का नुकसान 10 लाख रुपए से अधिक नहीं है, जहां किसी की जान नहीं गई है और जहां पुलिस पर सीधा हमला नहीं किया गया हो। समिति ऐसे मामले भी वापस लेने पर विचार कर सकती है, जिसमें आरोपी नुकसान की कीमत चुकाने के लिए तैयार हैं।