बघेल ने यहां बातचीत में केजरीवाल पर वोट के लिए चुनाव के दौरान भावनात्मक कार्ड खेलने का भी आरोप लगाया। बघेल से जब केजरीवाल के बयान के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि अलग-अलग समय पर भारत सरकार तय करती है कि नोटों और सिक्कों पर किसकी फोटो लगेगी? लेकिन अभी वोट की खातिर केजरीवालजी ने यह शिगूफा छोड़ा है।
उन्होंने कहा कि मैं कल समाचार देख रहा था। उन्होंने जिन महापुरुषों की तस्वीरें लगाई थीं और प्रेस से चर्चा कर रहे थे, उनमें एक तरफ अंबेडकरजी थे और एक तरफ सरदार भगत सिंहजी थे। यदि दोनों जीवित होते तो क्या तब केजरीवालजी दोनों महापुरुषों के समक्ष यह बात कह पाते? क्या (उनका यह बयान) उनके विचारों से यह अभिप्रेरित है? क्या उन महापुरुषों की विचारधारा यही थी?
उन्होंने कहा कि केजरीवालजी को जब चुनाव लड़ना होता है तब वे भावनात्मक कार्ड खेलते हैं और इससे वे वोट बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। बघेल ने कहा कि उन्होंने (केजरीवाल) कहा था कि वे यमुना नदी को साफ करेंगे और उन्होंने पत्रकारों से भी कहा था कि वे इसमें डुबकी लगा सकेंगे, लेकिन क्या हुआ?
बघेल ने कहा कि वे जो कहते हैं, वह करते नहीं है। उन्होंने गांधीजी को अपने कार्यालयों से पहले हटाया। अब वे जाकर साबरमती में चरखा चलाने लगे। अब लक्ष्मीजी और गणेशजी का पैर पकड़कर वैतरणी पार करना चाहते हैं। किसकी तस्वीर लगेगी नोटों पर या सिक्कों पर या नोट किस रंग के होंगे, यह सब आरबीआई और भारत सरकार द्वारा तय किया जाता है।
केजरीवाल ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा था कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए के लगातार कमजोर होने के कारण देश नाजुक स्थिति से गुजर रहा है। उन्होंने दावा किया था कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए देश को बहुत सारे प्रयास करने के साथ ही हमारे देवी-देवताओं के आशीर्वाद की भी जरूरत है।
केजरीवाल ने कहा था कि आज मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि हमारे नोटों पर एक तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर है। यह जिस स्थिति में है, वैसी ही रहनी चाहिए, लेकिन दूसरी तरफ भगवान गणेश और लक्ष्मी के चित्र छपे होने चाहिए।