गुरुवार को जारी आदेशों के मुताबिक निलंबित किए गए 15 अधिकारियों में से 11 असम पुलिस सेवा (एपीएस) तथा शेष असम लोक सेवा (एएससी) से हैं। सूत्रों ने बताया कि इनमें से 2 एपीएस अधिकारियों को पिछले सप्ताह इस मामले को लेकर गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने बताया कि मामले की जांच कर रही राज्य पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश होने के लिए कई अन्य को समन भेजा गया हैं।
इसमें कहा गया है कि इन अधिकारियों की भर्ती के लिए एपीएससी की सिफारिश अवैध थी और जिस प्रक्रिया के माध्यम से उन्होंने अपनी नौकरियां प्राप्त कीं, वह घोर कदाचार, भ्रष्टाचार और नैतिक अधमता के बराबर है। इसमें कहा गया है कि चूंकि उन पर आपराधिक मामले की जांच चल रही है इसलिए उन्हें उनके वर्तमान पद पर बने रहने की अनुमति देना सार्वजनिक सेवा के हित में नहीं हो सकता है और सरकार के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकता है।
अधिसूचना में कहा गया है कि यह देखते हुए अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जिन साक्ष्यों के आधार पर अब निलंबित अधिकारी जांच का सामना कर रहे हैं, उसकी जानकारी 1 सदस्यीय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी.के. शर्मा आयोग की तरफ से दी गई थी।(भाषा)