मुख्यालय से भी डॉक्टरों की एक टीम आज रवाना हुई है। दोनों टीमें वहां जांच करते हुए घर-घर सर्वे कराने में लगी है, ताकि डेंगू से बीमार लोगों का सही आंकड़ा सामने आ सके और उन्हें समय रहते पर्याप्त इलाज मिल सके।
उन्होंने भिलाई की घटना को देखते हुए बाकी जिलों में भी सचेत रहने कहा है। खासकर डेंगू, मलेरिया, पीलिया व अन्य संक्रामक रोगों से निपटने के लिए सभी छोटे-बड़े अस्पतालों में दवाओं के पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। शहरी क्षेत्र की गंदी बस्तियों, आदिवासी क्षेत्रों में दवा का छिड़काव नियमित तौर पर करने कहा गया है।
करीब हफ्तेभर में 6 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं दो-तीन सौ लोग बीमार बताए जा रहे हैं और उनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। यह रोग, कूलर के साथ पेड़ों के खोल, टायर-ट्यूब, छतों में खुले में पड़े पुराने ड्रम या बर्तनों में लंबे समय तक जमा पानी में पनपने वाले एक अलग तरह के मच्छर के काटने से फैलता है।
स्वास्थ्य विभाग ने दुर्ग के संयुक्त संचालक की अध्यक्षता में एक टीम गठित की है, जो वहां जांच में जुट गई है। घर-घर सर्वे कर बीमार लोगों के ब्लड सैंपल लिए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मुख्यालय की टीम भी वहां पहुंचकर जांच में लगी है।