मुख्‍यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस का इस्तीफा, नहीं बनी सरकार

शुक्रवार, 8 नवंबर 2019 (16:38 IST)
मुंबई। सरकार बनाने के लिए भाजपा-शिवसेना में चल रही जोड़तोड़ के बीच महाराष्ट्र के मुख्‍यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। फडणवीस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

हालांकि राज्यपाल ने कहा है कि फडणवीस नई सरकार के गठन तक कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री के रूप में काम करें। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के 15 दिन बाद भी सरकार नहीं बन पाई है। राज्य में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन मुख्‍यमंत्री पद को लेकर भगवा दलों में सहमति नहीं बन पाई थी।

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना के साध 50-50 फॉर्मूले पर कोई बात नहीं हुई थी। कई बार मैंने उद्धव ठाकरे को फोन भी किया था, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। उन्होंने कहा कि चुनाव हमारे साथ जीतकर आए तो फिर एनसीपी और कांग्रेस से चर्चा क्यों? शिवसेना ने हमसे चर्चा नहीं की, सिर्फ मीडिया में बात करते रहे। ढाई-ढाई साल सीएम बनाने की बात कभी हुई ही नहीं।

उन्होंने कहा कि शिवसेना शुरू से ही कहती रही है कि सरकार बनाने के सभी रास्ते खुले हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की जीत का स्ट्राइक रेट 70 प्रतिशत रहा है। गौरतलब है कि अमित शाह और नितिन गडकरी ने भी ढाई-ढाई साल मुख्‍यमंत्री बनाने की बात का खंडन किया है।

देवेन्द्र ने कहा कि हमारे नेता नरेन्द्र मोदी पर हमले किए गए। शिवसेना के मुखपत्र सामना में हमारे खिलाफ लिखा गया। मोदी पर व्यक्तिगत टिप्पणियां की गईं। हम बाला साहब ठाकरे के खिलाफ नहीं जा सकते। हम उनका सम्मान करते हैं, अत: कोई जवाब नहीं देंगे। हमने तो उद्धव के खिलाफ भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने कहा कि सिर्फ मीडिया में बयान देने से सरकार नहीं बनती।
ईमानदारी से चलाई सरकार : इस्तीफे के बाद फडणवीस ने कहा कि मैंने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने 5 साल महाराष्ट्र की जनता की सेवा की है। हमने ईमानदारी से अपनी सरकार चलाई। हमने सभी चुनौतियों का सामना किया। इसके लिए मैं महाराष्ट्र की जनता को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि काम के आधार पर जनता ने एनडीए को चुना है।

इस बीच, खबर है कि यदि सरकार गठन को लेकर कुछ नहीं होता है तो राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश भी कर सकते हैं।

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 तथा कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं। 

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