सिंह ने सोमवार को यहां पत्रकार वार्ता के दौरान मीडिया को यह पत्र दिया। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) घोटाले को लेकर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कई गंभीर टिप्पणियां की हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि यह घोटाला चौहान के मुख्यमंत्रित्वकाल में हुआ और इसमें उनके करीबी लोगों पर गंभीर आरोप हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधानसभा में स्वयं जानकारी दी है कि 1378 नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है। उनके पास तकनीकी शिक्षा का प्रभार भी रहा है। सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह का उदाहरण देते हुए पत्र में लिखा है कि उनके पास कोयला मंत्रालय का प्रभार था इसी आधार पर उन्हें पूछताछ का नोटिस दिया गया, लेकिन व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री से पूछताछ नहीं की गई।
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिंह ने आंकड़े देते हुए कहा कि व्यापमं ने वर्ष 2005 से 2015 के मध्य 90 परीक्षाएं करवाईं, जिसमें 86 लाख से ज्यादा आवेदकों ने भाग लिया। इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई। इस घोटाले में अब तक 55 एफआईआर, 2500 आरोपी, 2100 गिरफ्तारी, 400 फरार और 53 मौत हो चुकी हैं।
अटेर और बांधवगढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के दिग्गजों के प्रचार करने संबंधी एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि दोनों स्थानों पर कांग्रेस के बड़े नेता जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रचार करने के लिए अटेर और बांधवगढ़ पहुंचेंगे। वे स्वयं और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव भी वहां जाएंगे। (वार्ता)