Maratha Reservation Bill: कांग्रेस (Congress) ने महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार पर मराठों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को धोखा देने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल द्वारा पारित मराठा आरक्षण विधेयक (Maratha Reservation Bill) विधिक समीक्षा में नहीं टिक पाएगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने मुंबई में इस कवायद को चुनाव को ध्यान में रखकर किया गया एक दिखावा करार दिया।
शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला महाराष्ट्र राज्य सामाजिक एवं शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग विधेयक 2024 को राज्य विधान मंडल ने विशेष सत्र में सर्वसम्मति से पारित कर दिया। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने सवाल किया कि क्या आरक्षण देना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है?
सरकार ने मराठा समुदाय और ओबीसी को धोखा दिया : राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि मराठा आरक्षण पर कानून पहले भी पारित किया गया था, लेकिन उसे उच्चतम न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया था। यह (विधेयक का पारित होना) चुनाव से पहले सुविधाजनक रूप से किया गया है। यह विधिक परीक्षण में नहीं टिक पाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह चुनाव जीतने के लिए एक दिखावा है। सरकार ने मराठा समुदाय और ओबीसी को धोखा दिया है।
महाराष्ट्र वर्तमान में 52 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाता है जिसमें अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के लिए 7 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 19 प्रतिशत, विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए 2 प्रतिशत, विमुक्त जाति के लिए 3 प्रतिशत और घुमंतू जनजातियां बी, सी और डी उपश्रेणियों के लिए सामूहिक रूप से 8 प्रतिशत आरक्षण शामिल है। ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाता है।(भाषा)