अमृता फडणवीस की शिकायत पर 20 फरवरी को मालाबार हिल थाने में दर्ज एक मामले के आधार पर अनिक्षा को पुलिस ने 16 मार्च को गिरफ्तार किया था। अनिक्षा पर अमृता फडणवीस से 10 करोड़ रुपए की जबरन वसूली के प्रयास का भी आरोप है। पुलिस ने अनिक्षा को उसकी पिछली हिरासत की अवधि समाप्त होने पर सत्र अदालत के न्यायाधीश डीडी अल्माले के समक्ष पेश किया।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जांचकर्ताओं की याचिका खारिज कर दी और आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने मामले में अनिक्षा के पिता और संदिग्ध सट्टेबाज अनिल जयसिंघानी और उनके रिश्तेदार निर्मल जयसिंघानी को भी गिरफ्तार किया है। दोनों 27 मार्च तक पुलिस हिरासत में हैं। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं के तहत साजिश और जबरन वसूली तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी के अनुसार, अनिक्षा पिछले 16 महीनों से अमृता के संपर्क में थी और उनके घर भी जाती थी। पुलिस को दिए अपने बयान में अमृता ने कहा कि वह पहली बार नवंबर 2021 में अनिक्षा से मिली थीं। पुलिस के मुताबिक, अनिक्षा ने दावा किया था कि वह कपड़े, आभूषण और जूते की डिजाइनर है और उसने भाजपा नेता की पत्नी से सार्वजनिक कार्यक्रमों में उन्हें पहनने का अनुरोध किया और कहा कि इससे उन्हें उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
प्राथमिकी के अनुसार, अमृता का विश्वास हासिल करने के बाद, अनिक्षा ने उसे कुछ सट्टेबाजों के बारे में जानकारी देने की पेशकश की, जिसके माध्यम से उसने दावा किया कि वे पैसे कमा सकते हैं। उसके बाद उसने अपने पिता को पुलिस मामले में राहत दिलाने के लिए सीधे तौर पर अमृता को एक करोड़ रुपए की पेशकश की।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)