वडोदरा। जिला सहकारी बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक की 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को बदलने की पाबंदी के चलते गुजरात के छोटा उदयपुर जिले के आदिवासी दुग्ध उत्पादक और किसान बहुत बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ये आदिवासी बाजार से अपनी रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुएं भी नहीं खरीद पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें उनकी ग्रामस्तरीय सहकारी दुग्ध संस्था से नकदी मिलना बंद हो गई है।
उन्होंने कहा कि बड़ौदा दुग्ध डेयरी हर रोज छोटा उदयपुर जिले में 450 ग्रामस्तरीय दुग्ध उत्पादक सहकारी सोसायटियों से ढाई लाख लीटर दूध का संग्रहण करती है। इसमें कुल 45,000 आदिवासी दुग्ध उत्पादक एवं किसान सदस्य हैं।
राठवा ने कहा कि डेयरी इन सहकारी सोसायटियों के खाते में पहले ही 14 करोड़ रुपए जमा करा चुकी है। यह रकम छोटा उदयपुर जिले में बड़ौदा जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों की 3 शाखाओं में जमा कराई गई है ताकि इन सदस्य किसानों को भुगतान किया जा सके, जो गरीब आदिवासी समुदायों से संबद्ध हैं।