पर्वतीय क्षेत्र के मिरिक और कुर्सियांग उपमंडल में दुकानें एवं बाजार खोले जाने के 2 दिन बाद यह घटना हुई। मिरिक में सुबह कुछ दुकानें खुलीं लेकिन दोपहर तक बंद हो गईं। जीएलए ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली है और राजनीतिक पार्टियों के गोरखालैंड से कुछ भी कम पर सहमत होने की स्थिति में सशस्त संघर्ष की चेतावनी भी दी।