यह फैसला तब लिया गया, जब सरकार ने पाया कि समाज कल्याण विभाग के कुछ अधिकारी घर से कार्यालय और कार्यालय से घर जाने के लिए सरकारी वाहन का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन इसके बावजूद वे परिवहन भत्ते का दावा भी कर रहे थे। अधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारियों को यह लिखित वचन हर महीने की 20 तारीख तक लेखा विभाग को देना होगा।