न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने निचली अदालत के इस निष्कर्ष पर मुहर लगाई कि बच्ची की मां द्वारा खासकर उसे (अभियुक्त) को फंसाने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि वह उसे अपना भाई समझती थी। यह घटना नवंबर 2013 की है। इस वारदात से पहले बच्ची की मां ने अभियुक्त के साथ 'भैयादूज' मनाया था।
पुलिस के अनुसार आरोपी बच्ची को किसी सुनसान जगह पर ले गया, वहां उसने उससे बलात्कार किया और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाया। उसने उसे धमकी दी कि यदि उसने इसके बारे में किसी को बताया तो वह उसकी मां और भाई को मार देगा। (भाषा)