इसके बाद देशमुख ने अपना त्याग पत्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि अदालत के आदेश के बाद उन्हें पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। सिंह ने 25 मार्च को आपराधिक जनहित याचिका दायर कर देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी और दावा किया था कि गृहमंत्री ने गिरफ्तार पुलिस अधिकारी सचिन वाजे सहित पुलिस अधिकारियों से बार एवं रेस्तरां से 100 करोड़ रुपए इकट्ठा करने के लिए कहा था।
फडणवीस ने कहा कि देशमुख के इस्तीफे की उम्मीद थी और उनके पास कोई और विकल्प नहीं था। भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें पहले दिन ही नैतिकता याद करनी चाहिए थी, जब आरोप लगाए गए थे। फडणवीस ने कहा, मुख्यमंत्री चुप क्यों हैं? उनकी चुप्पी बेचैन करने वाली है।ठाकरे नीत शिवसेना ने 2019 में राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार बनाई थी।
इस बीच चंद्रकांत पाटिल ने पुणे में कहा कि जिन लोगों ने गलती की है, उन्हें दंडित किया जाना चाहिए अन्यथा लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा। पाटिल ने कहा, सीबीआई की 15 दिनों की प्रारंभिक जांच में कई चीजें बाहर आएंगी। देशमुख द्वारा वाजे से 100 करोड़ रुपए उगाही करने की मांग से जुड़ी सच्चाई बाहर आएगी।(भाषा)