उत्तर प्रदेश के वृंदावन क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भक्तों का सैलाब आ गया। पुलिस ने बांके बिहारी के दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस-प्रशासन का यह प्रयास पूरी तरह से विफल नजर आया। बेरीकेडिंग को तोड़ते हुए कृष्ण भक्त आगे बढ़ते गए, बिगड़ती व्यवस्थाओं के कारण सैकड़ों श्रद्धालु बांके बिहारी के दर्शन से वंचित रह गए।
बांके बिहारी मंदिर में कार्तिक मास में भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन कार्तिक माह समाप्त होने के बाद कृष्ण दर्शन के लिए अनुयायियों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिसके चलते रविवार को वृंदावन में ऐसी भीड़ उमड़ी की पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। मंदिर परिसर के आसपास की सभी गलियां भक्तों से भर गई और स्थानीय लोग घरों में कैद हो गए।
रविवार को छुट्टी का दिन होने के चलते दूरदराज से श्रद्धालु वृंदावन पहुंच गए, बांके बिहारी मंदिर के कपाट खुलने से पहले ही लंबी-लंबी कतारों में लगे भक्तों को देखकर पुलिस और मंदिर प्रशासन के होश उड़ गए। देखते ही देखते भीड़ का दबाव बढ़ने लगा, भीड़ बढ़ती हुई देखकर पुलिस ने मोर्चा संभाला।
भीड़ के बीच से पुलिस इन तीनों को उठाकर बिहारी जी चौकी ले आई और चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया। रविवार को वृंदावन में उमड़ी भीड़ ने अब तक के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। अपने आराध्य बांके बिहारी जी के दर्शन को आतुर भक्तों ने मंदिर से जुड़े सभी संपर्क मार्गों पर अपना कब्जा सुबह से ही कर लिया था।
भीड़ को देखते हुए पुलिस ने व्यवस्था बनाने के लिए जगह-जगह बेरीकेडिंग कर रखी थी, लेकिन मंदिर परिसर में घुसने के लिए पीछे से आ रहे धक्के के कारण लोगों को रोक पाना मुमकिन नहीं हो पा रहा था। भीड़ में फंसे हजारों भक्तों को अपने इष्ट के दर्शन के बिना वापस लौटना पड़ा।