आधिकारिक सूत्रों के अनुसार ऐसे बच्चों के लिए अलग से विशेष पाठ्यक्रम और शिक्षकों की व्यवस्था भी की गई है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस समय करीब 20 हजार नि:शक्त बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। इन स्कूलों में वे स्कूल भी शामिल हैं, जो सरकारी मदद से चलाए जा रहे हैं।