असम मोटर वर्कर एसोसिएशन के संयोजक रामेन दास ने कहा कि सरकार किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए केवल चालकों को दोषी ठहराना चाहती है, भले ही उसने अपराध नहीं किया हो। सड़क की स्थिति को सुधारने के बजाय, वे गरीब चालकों को दंडित कर रहे हैं।
दास ने कहा, 'हिट-एंड-रन' मामलों पर नया कानून चालक विरोधी है और वाहनों के मालिकों के खिलाफ है। हम कानून वापस लेने की अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार सुबह 5 बजे से रविवार सुबह 5 बजे तक सभी वाहनों की हड़ताल का आह्वान करते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत लापरवाही से गाड़ी चलाने और पुलिस या प्रशासन को सूचित किए बिना मौके से भागने वाले चालकों को 10 साल तक की जेल की सजा या सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। बीएनएस, भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेगा। आईपीसी में ऐसे अपराधों के लिए दो साल की सजा का प्रावधान था।