उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा हमारे पास मानवता की धरोहर है और इससे लोगों की आस्थाएं जुड़ी हुई है। चारधाम यात्रा को श्रद्घालुओं के लिए और अधिक बेहतर तथा सुगम कैसे बनाया जाए, इस पर और विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अपनी ओर से व्यवस्थाओं को दुरस्त करने का पूरा प्रयास किया है।
पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ तक रास्ता थोडा चुनौतीपूर्ण है, वहां बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया है, परन्तु मैं लोगो को पूर्ण विश्वास दिलाना चाहता हूं कि रास्तों के कारण यात्रा बाधित नहीं होगी। यात्रा सुरक्षित होगी और मैंने अपने उच्चतम अधिकारियों को इस कार्य में लगा रखा है। भगवान की हम पर असीम कृपा है।
इससे पहले, सुबह 5:15 पर बदरीनाथ धाम के कपाट खोले जाने के मौके पर हजारों श्रद्धालुओं के साथ मुख्यमंत्री रावत ने भी भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की तथा पूरे जोश व उत्साह से भगवान बद्रीविशाल के जयकारे भी लगाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बामणी गांव की स्थानीय महिलाओं के दल के साथ नृत्य भी किया।