ईडी ने एफआईआर में कहा कि इस निजी बैंक के कर्मचारियों ने कमीशनखोरी के फर्जीवाड़े के लिए गरीबों का इस्तेमाल किया। इनमें से नंदू भी एक हैं। यूं तो नंदू बेहद साधारण नौकरी करता है और झुग्गी झोपड़ी में रहता है, लेकिन इस बैंक ने उसको हिमानी इंटरनेशनल का डायरेक्टर बना दिया। इतना ही नहीं, उसका खाता खोलकर 3.60 करोड़ रुपए भी जमा कर दिए गए।