शिंदे ने कहा कि यह आम आदमी की सरकार है ऐसे में उसे वीआईपी की जगह प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विशेष इंतजाम के कारण यातायात जाम होता है, जिससे आम आदमी की दिनचर्या प्रभावित होती है और पुलिस बल पर बोझ पड़ता है।
शपथ लेने वालों में प्रवीण दारेकर, राम शिंदे, प्रसाद लाड, उमा खापरे, श्रीकांत भरतिया (सभी भारतीय जनता पाटी से), विधान परिषद के सभापति रामराजे नाइक निंबालकर और एकनाथ खडसे (दोनों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से), सचिन अहीर और आमश्या पाडवी (शिवसेना नेता) और भाई जगताप (कांग्रेस) शामिल हैं। इन्हें 20 जून को हुए द्विवार्षिक चुनावों में विधान परिषद के सदस्य के तौर पर चुना गया था।
राज्य की 78 सदस्यीय विधान परिषद में भाजपा के 24, शिवसेना के 12, कांग्रेस के 10, राकांपा के 10, लोक भारतीय का 1, पीडब्ल्यूपी (शेतकरी कामगार पक्ष) का 1, आरएसपी का एक और 4 निर्दलीय सदस्य हैं। इसके अलावा 15 सीट रिक्त हैं।