केजरीवाल ने बताया कि हमने आयोग को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने चुनाव आयोग को वीवीपेट मशीन से युक्त ईवीएम से ही चुनाव कराने का आदेश दिया था। अदालत ने ईवीएम में गड़बड़ी की आशंकाओं के मद्देनजर ही वीवीपेटयुक्त मशीनों से चुनाव कराने को अनिवार्य बताया था। इसके हवाले से हमने आयोग से पूछा है कि निगम चुनाव में बिना वीवीपेट मशीन वाली ईवीएम से चुनाव क्यों कराया जा रहा है।
केजरीवाल ने कहा कि हमने पहली पीढ़ी की नकार दी गई ईवीएम से निगम चुनाव कराने पर भी सवाल उठाया। इस पर आयोग ने निगम चुनाव के लिए वीवीपेटयुक्त मशीनें मुहैया कराने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र लिखने का आश्वासन दिया है। लेकिन हमने कहा कि अब मतदान में सिर्फ एक सप्ताह रह गया है। इतने कम समय में मशीनों को बदलना नामुमकिन है। इसे देखते हुए हमने राज्य निर्वाचन आयुक्त से अनुरोध किया कि वे केंद्रीय चुनाव आयोग से एक या दो महीने के लिए चुनाव स्थगित करने का अनुरोध करें।
उन्होंने कहा कि लेकिन उन्होंने (आयोग ने) कानून में निगम का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं होने के कारण चुनाव टालने के अनुरोध को मानने से इंकार कर दिया। हालांकि केजरीवाल ने कहा कि हमने निर्वाचन आयुक्त को एमसीडी कानून में केंद्र सरकार को निगम का कार्यकाल एक साल तक बढ़ाने के अधिकार से जुड़े प्रावधान दिखाए, लेकिन फिर भी वह उनका अनुरोध मानने को तैयार नहीं है।
इस दौरान केजरीवाल ने उत्तरप्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा भी पहली पीढ़ी की मशीनों से राज्य में निगम चुनाव नहीं कराने से केंद्रीय चुनाव आयोग को सूचित करने का हवाला देते हुए दिल्ली में पुरानी मशीनों से चुनाव कराने पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में मतपत्र से मतदान की मंजूरी देने वाला चुनाव आयोग दिल्ली में पुरानी मशीनों से मतदान कराने पर क्यों अड़ा है। (भाषा)