रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल एनएन जोशी ने बताया कि नियंत्रण रेखा की निगरानी के लिए तैनात सेना के जवानों ने आतकंवादियों के एक समूह को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से इस पार आते देखा। जवानों ने आतंकवादियों को आत्मसमर्पण के लिए कहा, तो उन्होंने अत्याधुनिक हथियारों से गोलियां चलानी शुरू कर दीं।
गत 26 जुलाई को नौगाम सेक्टर में ही चार विदेशी आतंकवादी मारे गए थे और एक अन्य को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 30 जुलाई को घुसपैठियों के हमले में दो जवान शहीद हो गए थे और सेना की कार्रवाई में दो विदेशी आतंकवादी मारे गए थे। इसके बाद एक अगस्त को भी नौगाम सेक्टर में ही घुसपैठ की कोशिश नाकाम की गई थी। (वार्ता)