Train Hijackings In India : पाकिस्तान में पैसेंजर ट्रेन को आतंकवादियों से हाईजैक कर लिया। ट्रेन को हाईजैक करने वाले बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने इस घटना की जिम्मेदारी ले ली है। ट्रेन हाईजेक की इस घटना से भारत को अपना पुराना दर्द याद आ गया। भारत में भी ट्रेन हाइजैंकिंग की घटनाएं हो चुकी हैं। माओवादियों ने भारतीय रेलवे की पूरी ट्रेन को हाईजैक कर लिया था। हाईजैक की यह घटना 6 फरवरी 2013 को हुई थी। मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे मार्ग दौड़ रही जनशताब्दी ट्रेन में सवार यात्री उस वक्त सहम गए जब पता चला कि पूरी ट्रेन को माओवादियों ने हाईजैक कर लिया गया है। यह भारत में पहली घटना थी।
माओवादियों ने किया था ट्रेन पर कब्जा : 2009 में भारत में एक और ट्रेन अपहरण की घटना हुई थी जब सशस्त्र माओवादियों ने जंगलमहल में भुवनेश्वर-राजधानी एक्सप्रेस को जब्त कर लिया था। लगभग 300-400 माओवादियों ने ट्रेन पर कब्ज़ा कर लिया था और सैकड़ों यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। कथित तौर पर अपहरण माओवादी नेता छत्रधर महतो के निर्देश पर किया गया था। 20 पुलिस अधिकारियों और लगभग 150 सीआरपीएफ कर्मियों सहित सुरक्षा बलों ने बचाव अभियान चलाया और ट्रेन और उसके यात्रियों को सफलतापूर्वक मुक्त कराया। यात्रियों या ट्रेन कर्मचारियों में से किसी को कोई हानि नहीं हुई थी।
जब हाईजैक हुई जनशताब्दी एक्सप्रेस : भारत में 6 फरवरी 2013 को ट्रेन अपहरण की घटना हुई थी। जनशताब्दी एक्सप्रेस को मुंबई-हावड़ा मुख्य रेलवे लाइन पर सिरसा गेट और कुम्हारी के बीच करीब 13 किलोमीटर तक अपहरण कर लिया गया था। यह मामला कुख्यात जयचंद अपहरण कांड से जुड़ा था। इसमें व्यवसायी जयचंद वैद्य का अपहरण कर उन्हें 44 दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया था।
उपेंद्र सिंह उर्फ काबरा की पहचान ट्रेन अपहरण के मास्टरमाइंड के रूप में हुई थी। अपहरण को अंजाम देने से पहले सिंह जेल से भाग गया था। इस मामले में 6 लोगों को दोषी ठहराया गया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जेल तोड़कर फरार हुए कबरा ने जनशताब्दी हाईजेक को 13 किलोमीटर तक हाईजैक रखा। Edited by : Sudhir Sharma