श्रीनगर। राज्य सरकार की मेहनत बेकार चली गई है। हालात को थामने की खातिर जो प्रतिबंध सोशल मीडिया पर कश्मीर में लगाया गया था वह किसी काम इसलिए नहीं आया क्योंकि कश्मीरियों ने इसका भी तोड़ निकालते हुए कई जुगाड़ कर लिए।
सरकार ने घाटी में अशांति को रोकने के लिए सोशल मीडिया ऐप्लीकेशन और इंटरनेट वेबसाइट पर एक माह का प्रतिबंध लगाया था, लेकिन कश्मीर घाटी में करीब सभी लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल कर सोशल मीडिया जैसे सभी इंटरनेट माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने कहा कि, सोशल मीडिया पर प्रतिबंध कोई नहीं चाहता। लेकिन, इसका दुरुपयोग हो रहा है। इसका कोई विकल्प भी नहीं है, तो इसे लागू करने की जरूरत है।
इतना जरूर था कि कश्मीरियों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। कश्मीर ने खराब हालात के चलते कई बार यहां पर फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर जैसी सोशल साइट्स का इस्तेमाल बंद कर दिया जाता है। मगर 10वीं क्लास के एक कश्मीरी लड़के ने अपनी ही एक सोशल नेटवर्किंग साइट बना ली है जो बिलकुल फेसबुक की तरह है। अनंतनाग के 16 साल के इस लड़के का नाम है जियान शफीक। शफीक ने कश्मीर के नाम से ही “कैशबुक” सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई है। खबरों के मुताबिक इसका इस्तेमाल भी फेसबुक की तरह ही हो सकेगा। राज्य में खराब हालात के चलते बीते 26 अप्रैल को लगभग 22 सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बैन लगाया गया था ताकि देशविरोधी गतिविधियों पर लगाम कसी जा सके।
कश्मीर घाटी की सड़कों पर होने वाले प्रदर्शनों की रोकथाम के लिए राज्य के गृह विभाग की ओर से 26 अप्रैल को एक आदेश जारी किया गया, जिसके तहत सूची कश्मीर घाटी में फेसबुक, व्हाट्सऐप और ट्विटर जैसे 22 सोशल मीडिया ऐप्लीकेशन प्रतिबंधित कर दिए गए। राज्य गृह विभाग के मुख्य सचिव आरके गोयल ने कहा था कि सार्वजनिक व्यवस्था को बहाल रखने के लक्ष्य से सरकार इंटरनेट प्रदाता सभी कंपनियों को निर्देश देती है कि किसी प्रकार का संदेश अथवा किसी व्यक्ति या विशेष वर्ग के किसी भी विषय पर आधारित संदेश अथवा किसी प्रकार का चित्रात्मक संदेश एक माह की अवधि तक अथवा अगला आदेश आने तक सोशल नेटवर्किंग वाली साइट्स पर प्रसारित नहीं किया जाएगा।
यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए गए थे। यह निर्देश फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप, वीचैट, क्यूक्यू, क्यूजोन, गूगल प्लस, स्काइपे, लाइन, पिनट्रस्ट, स्नैपचैट, यूट्यूब, वाइन और फ्लिक्र पर लागू हैं। आदेश में कहा गया था कि सभी संबंधित कारकों का सावधानीपूर्वक अवलोकन करने के बाद पाया गया है कि राष्ट्रविरोधी एवं असमाजिक तत्व सोशल मीडिया प्लेटफार्म का विभिन्न प्रारूपों में भड़काऊ सूचना प्रसारित करने के लिए दुरुपयोग करते हैं, उन्हें तुरंत नियंत्रित अथवा अधिनियमित करने की जरूरत है।
हालांकि, सरकार का आदेश लोगों की इस प्रकार की सोशल मीडिया साइट्स पर पहुंच रोकने की सारी जिम्मेदारी इंटरनेट सेवा प्रदाता कंपनियों पर डालता है। वहीं, वह उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रतिबंध को बाईपास करके इस प्रकार की सेवाओं का इस्तेमाल करने में सक्षम होने की संभावना पर चुप है।
शीर्ष राजनयिक और सरकारी अधिकारी समेत पुलिस महानिदेशक भी कश्मीर घाटी के ताजा हालात संबंधी जानकारियां साझा करने के लिए इस प्रकार की प्रतिबंधित सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। विपक्षी नेशनल कांफ्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी प्रतिबंध के बावजूद सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते रहे। वह लगातार कश्मीर एवं दुनिया के अन्य क्षेत्रों की गतिविधियों के बारे में ट्विटर पर पोस्ट डालते हैं।
सत्तारूढ़ पीडीपी भी प्रेस विज्ञप्तियां जारी करने और विपक्षी पार्टियों के आरोपों का जवाब देने के लिए ट्विटर का प्रयोग कर रही है। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी दोनों पार्टियों के बीच मंगलवार को स्वयं सहायता समूह के एक कार्यक्रम के दौरान ‘आजादी’ के नारे लगाने के कारण ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ गई थी। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने की थी। राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी लगातार कश्मीर घाटी के ताजा हालात बताने के लिए व्हाट्सऐप और फेसबुक का प्रयोग कर रहे हैं।
इस बीच, यह सच्चाई है कि कश्मीर ने खराब हालात के चलते कई बार फेसबुक, व्हाट्सऐप, ट्विटर जैसी सोशल साइट्स का इस्तेमाल बंद कर दिया जाता है। मगर 10वीं क्लास के एक कश्मीरी ने अपनी ही एक सोशल नेटवर्किंग साइट बना ली है, जो बिलकुल फेसबुक की तरह है। अनंतनाग के 16 साल के इस लड़के का नाम है जियान शफीक। शफीक ने कश्मीर के नाम से ही “कैशबुक” सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई है। खबरों के मुताबिक इसका इस्तेमाल भी फेसबुक की तरह ही हो सकेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक लोगों ने वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के इस्तेमाल से बैन हुई साइट्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। ऐसे में सरकार ने वीपीएन ऐक्सेस पर भी रोक लगा दी। ऐसे में इसका तोड़ निकालने के लिए जियान ने एक ऐसी सोशल नेटवर्किंग साइट बनाई जो बिना वीपीएन के काम करती हो और इसके ऐप वर्जन को लॉन्च कर दिया। वीपीएन ब्लॉक होने बाद जियान ने इस साइट को डेवलप किया जिसके जरिए लोग आपस में जुड़ सकते हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक यह साइट वीपीएन के बिना भी काम कर सकती है इसलिए कश्मीर में लोग इसका आसानी से इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं कैशबुक के जरिए लोग कश्मीरी भाषा में आपस में बातचीत कर सकते हैं। इसके अलावा इसका इस्तेमाल लोग अपने कारोबार के लिए कर सकते हैं। जियान का दावा है कि वह इस साइट का इस्तेमाल कश्मीरी प्रोडक्ट्स के कारोबार को बेहतर बनाने के लिए करेगा। वहीं साइट को डेवेलप करने में जियान ने अपने एक दोस्त उजेर की भी मदद ली है।
अनंतनाग का रहने वाला जियान 10वीं कक्षा का छात्र है। हाल ही में उसने अपनी स्कूल की परीक्षाएं पूरी की है। वहीं जियान की कैशबुक गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। इस ऐप में फेसबुक की तरह ही फोटो, वीडियो अपलोड, चौट, मेसेजिंग करने की सुविधाएं होंगी। वहीं बिना वीपीएन के इसे ऐक्सेस करना आसान माना जा रहा है।