उल्लेखनीय है कि ऊंट के मूत्र को दूध में मिलाकर पीने की सदियों से चली आ रही है, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि इसके कई स्थ्य लाभ भी हैं। इन लोगों का कहना है कि ऊंट का पेशाब न सिर्फ स्वस्थ रहने में मदद करता है बल्कि इसे पीने से एचआईवी एड्स जैसी बीमारियों का भी इलाज किया जा सकता है।
मुस्लिम पवित्र पुस्तक में पैगंबर मुहम्मद के उद्धरण शामिल हैं। इसके अनुसार, उकल या उरीना जनजाति के कुछ लोग मदीना (सऊदी अरब में) आए थे और जलवायु उनके अनुरूप नहीं थी। इसलिए पैगंबर ने उन्हें ऊंटों के झुंड में जाने और उनके दूध और मूत्र को (दवा के रूप में) पीने का आदेश दिया। इन लोगों ने ऐसा ही किया और वे स्वस्थ हो गए।