इस दल का पिछले छह दिन से कोई अता-पता नहीं है। यह दल 10 मई को नंदा देवी पर्वतारोहण के लिए निकला था। दल को 25 मई को नंदा देवी चोटी के अभियान को पूरा कर वापस अपने आधार शिविर में लौटना था। पर्वतारोहियों के इस दल को ढूंढने के लिये शासन एवं प्रशासन ने अभियान तेज कर दिया है। सरकार की ओर से पर्वतारोहियों को ढूंढने के लिए हेलीकाप्टर का भी सहारा लिया जा रहा है।
सात विदेशी पर्वतारोहियों में ब्रिटेन, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के नागरिक शामिल थे, जबकि आठवां व्यक्ति भारतीय पर्वतारोहण संस्थान का अधिकारी था। दल 13 मई को मुनस्यारी से निकला था। इन्हें 7,434 मीटर ऊंची चोटी पर चढ़ाई के बाद शुक्रवार को ही बेस कैंप वापस लौटना था। दल की वापसी में देरी होने के बाद जिला प्रशासन ने एक खोजी दल को रवाना किया है।
मुनस्यारी के एसडीएम आर. सी. गौतम ने बताया कि खोजी दल में राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और चिकित्सा कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पर्वतारोहियों के इस दल को शुक्रवार को बेस कैंप और एक जून शनिवार को मुनस्यारी लौट आना था।
जिलाधिकारी ने बताया कि पर्वतारोहियों को खोजने के लिए हवाई अभियान भी चलाया जा रहा है। सरकार की ओर से पर्वतारोहियों को खोजने के लिए एक हेलीकाप्टर उपलब्ध कराया गया है। हेलीकाप्टर ने आज देहरादून से उच्च हिमालयी क्षेत्र के लिये उड़ान भरी लेकिन मिलम एवं मुनस्यारी क्षेत्र में मौसम खराब होने से हेलीकाप्टर को वापस लौटना पड़ा। मौसम ठीक होने पर हेलीकाप्टर फिर मौके के लिए रवाना होगा।
लापता पर्वतारोहियों के इस दल में अमेरिका, ब्रिटेन एवं आस्ट्रेलिया के अलावा एक भारतीय पर्वतारोही भी शामिल है। लापता पर्वतारोहियों के दल का नेतृत्व ब्रिटेन के मार्टिन मोरन कर रहे थे। दल में अन्य सदस्यों में जॉन मैकलारेन (ब्रिटेन), रूपर्ट वेवेल (ब्रिटेन), रिचर्ड प्याने (ब्रिटेन), रथ मैक्केन (आस्ट्रेलिया), एंथोनी सुडेकुम (अमेरिका), रॉनाल्ड बेमेल (अमेरिका) और चेतन पांडे (भारतीय) शामिल हैं।