वित्त वर्ष 2021-22 का बजट बढ़ाकर 1,55,645 करोड़ रुपए किया गया है। यह इससे पिछले वित्त वर्ष के 1,37,738 करोड़ रुपए के बजट से 13 प्रतिशत अधिक है। बजट व्यय में 25 प्रतिशत या 38,718 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय और 75 प्रतिशत या 1,16,927 करोड़ रुपए राजस्व व्यय है।
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि विशेषरूप से इस संकट के समय बजट में उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाए, जो अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए जरूरी है। हमने स्वास्थ्य, कृषि और बुनियादी ढांचे को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में रखा है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार हरियाणा की आर्थिक वृद्धि के लिए किसानों को समर्थन जारी रखेगी। बजट में क्षेत्र के लिए 6,110 करोड़ रुपए के व्यय का प्रस्ताव किया गया है। यह 2020-21 के 5,052 करोड़ रुपए के व्यय की तुलना में 20.9 प्रतिशत अधिक है।
इसमें से 2,998 करोड़ रुपए कृषि और कृषक कल्याण, 489 करोड़ रुपए बागवानी, 1,225 करोड़ रुपए पशुपालन और डेयरी, 125 करोड़ रुपये मत्स्यपालन और 1,274 करोड़ रुपए सहकारिता के लिए रखे गए हैं।