जसवंत ने 2012 में महम से 70 हजार रुपए में मुर्रा नस्ल की एक भैंस खरीदी थी। उन्होंने उसका नाम गिन्नी रख दिया था। गिन्नी की देखरेख शाही तरीके से की गई तो गिन्नी ने भी जसवंत को मालामाल कर दिया। अब गिन्नी की कटड़ी लक्ष्मी सिर्फ दो वर्ष की हुई तो लक्ष्मी की सुंदरता को देखकर प्रदेश के कई व्यापारी उसे खरीदने के इच्छुक हुए।
आखिरकार दो दिन पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के पैतृक गांव साघी के एक किसान कृष्ण हुड्डा ने लक्ष्मी को 10 लाख रुपए में खरीद लिया। सिघवा खास गांव में कई किसान मुर्रा नस्ल की भैंसों को पाल रहे हैं और उन्हें बेचकर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। सरकार ने इस गांव को आदर्श मुर्रा नस्ल गांव घोषित किया हुआ है।