अदालत ने इस बात पर चिंता जताई कि किस तरह से दक्षिण दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस, दिल्ली दमकल सेवा और अन्य एजेंसियों ने गांव का व्यवसायीकरण होने दिया, जिससे सार्वजनिक परेशानियां और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा हो गईं।
अदालत ने कहा, 'दिल्ली पुलिस, दिल्ली दमकल सेवा, एसडीएमसी और दिल्ली जल बोर्ड की रिपोर्ट बताती हैं कि हौज खास गांव ऐसे टाइम बम जैसा है जो फटने वाला है जहां महत्वपूर्ण जन एवं आपातकालीन सेवाएं नहीं हैं।'