cyclonic storm Remal : चक्रवाती तूफान 'रेमल' (Remal) के प्रभाव को देखते हुए असम (Assam) के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy rain) के पूर्वानुमान के मद्देनजर हाई अलर्ट जारी किया गया है। 'रेमल' पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट से टकराने के बाद वहां कहर ढा चुका है। प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने का आग्रह किया और आपात स्थिति के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है।
गुवाहाटी सहित असम के कई हिस्सों में देर शाम से बारिश : पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने एक विज्ञप्ति में बताया कि सोमवार से अगले 2 दिनों के लिए 42 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। गुवाहाटी सहित असम के कई हिस्सों में रविवार देर शाम से बारिश हुई जिससे राज्य के तापमान में गिरावट आई। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चक्रवात के प्रभाव से नुकसान की कोई सूचना अभी तक नहीं मिली है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर कहा कि चक्रवाती तूफान 'रेमल' असम के कुछ हिस्सों में खराब मौसम का कारण बन सकता है। हम कई एहतियाती कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को अलर्ट पर रखा गया हैं, नियंत्रण कक्ष चालू कर दिए गए हैं तथा लोगों से स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करने के लिए कहा गया है।
विज्ञप्ति के मुताबिक असम के चिरांग, गोलपाड़ा, बक्सा, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों में अत्यधिक भारी वर्षा के लिए 'रेड अलर्ट' जारी किया गया है जबकि धुबरी, दक्षिण सलमारा, बोंगाइगांव, बजाली, तामुलपुर, बारपेटा, नलबाड़ी, मोरीगांव, नागांव, होजाई और पश्चिम कार्बी आंगलोंग के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है।
तेज हवाएं चलने की संभावना : मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार को दक्षिण असम और मेघालय में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है। विज्ञप्ति के मुताबिक एएसडीएमए ने 'रेमल' के कारण भारी बारिश और तेज हवाओं से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अन्य विभागों, एजेंसियों और जिला प्रशासन के साथ तैयारी तेज कर दी है।
अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमों को कछार, बोंगाईगांव और डिब्रूगढ़ में तैनात किया गया है जबकि अग्निशमन व आपातकालीन सेवाओं के कर्मी भी पूरी तरह से तैयार हैं। एएसडीएमए ने सोमवार और मंगलवार को ब्रह्मपुत्र नदी की मुख्य धारा में जरूरत पड़ने पर नावों के संचालन को विनियमित करने की भी सिफारिश की है।(भाषा)