जयपुर। राजस्थान में बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने चार जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में बारां, चित्तौड़गढ़, झालावाड़ और कोटा जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी देते हुए Red alert जारी किया। वहीं बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, सिरोही और उदयपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों में झालावाड़ जिले के गंगधार में 22 सेंटीमीटर, डग में 19 सेंटीमीटर, प्रतापगढ़ में 16 सेंटीमीटर, चित्तौड़गढ़ के बेगू में 15 सेंटीमीटर, झालावाड़ के अकलेरा में 11 सेंटीमीटर, प्रतापगढ़ के आरनोद में 11 सेंटीमीटर, बांसवाड़ा के केसरपुरा में नौ सेंटीमीटर, झालावाड़ के पचपहार में आठ सेंटीमीटर, भीलवाड़ा के कोटरी में 8 सेंटीमीटर, बांसवाडा के दानपुर—घाटोल में 8-8 सेंटीमीटर, प्रतापगढ़ के पीपलखूंट में 7 सेंटीमीटर, डूंगरपुर के निथुआ में 7 सेंटीमीटर, धौलपुर के राजखेड़ा में 6 सेंटीमीटर सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गई।
मध्यप्रदेश और हाड़ौती अंचल में हो रही तेज बारिश और कोटा बैराज एवं काली सिंध से पानी छोड़े जाने की वजह से रविवार शाम 7 बजे चंबल नदी का जलस्तर 141.10 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 129.79 मीटर से करीब 12 मीटर अधिक है।
कोटा की निचली बस्तियां डूबी : कोटा में निचली बस्तियों में पानी भरने से लोगों की जान पर बन आई है। कई गलियां इतनी छोटी हैं कि वहां नाव तक नहीं जा पा रही हैं। संजय कॉलोनी में कांस्टेबल राकेश ने ट्यूब के सहारे 5 छोटे बच्चों की जान बचाई। कोटा में कई इलाकों में पानी इतना जमा हो गया है कि स्कूटी का सिर्फ ऊपरी शीशा ही नजर आ रहा है।
मध्यप्रदेश की हालत भी खराब : मध्यप्रदेश में भी बारिश से हालात बहुत खराब हो गए हैं। 5 दिन की बारिश से जहां मंदसौर जलमग्न हो गया है तो वहीं दूसरी तरफ रतलाम में बारिश ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। मंदसौर, नीमच, रतलाम, और उज्जैन के सैकड़ों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। सड़कों पर 8 से 10 फीट पानी के भरने से हालात बेकाबू हो गए हैं। प्रदेश में सितम्बर तक औसतन 855 मिलीमीटर वर्षा होती है लेकिन इस बार यह आंकड़ा 1155 के पार चला गया है।
शिवराज सिंह ने 1 माह का वेतन दिया : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ पीड़ितों के लिए अपना एक माह का वेतन देने की घोषणा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी चर्चा की। शिवराज ने कमलनाथ से अपील की कि वे तत्काल बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। शिवराज ने यह भी कहा कि यदि बाढ़ पीड़ितों को सरकार ने मुआवजा नहीं दिया तो वे आंदोलन करेंगे।