मानसून से पहले बाढ़ से बचाव के सारे सरकारी दावों पर पानी फेरते हुए यमुना, गंगा, घाघरा और सरयू का जल स्तर बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात है। सरयू का जलस्तर बढ़ने से बस्ती के करीब 40 गांव को बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।
बनबसा और हथिनी कुंड बैराज से लगातार पानी छोड़े छोड़े जाने और हो रही मूसलाधार बारिश से नदियों का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। बारिश के कारण गोंडा के करनैलगंज के नैपुरा, परसावल सहित चरपुरवा गांवों में पानी घुस गया है। घाघरा नदी का जलस्तर निरंतर बढ़ने से बांध के निचले इलाकों में बसे गांवों में अफरा-तफरी मची है।
उन्होंने बताया कि इस दौरान फरूखाबाद और बहराइच में दो-दो लोगों की मौत हुई है लखीमपुर खीरी, रायबरेली, लखनऊ, कानपुर देहात, बाराबंकी, सीतापुर और सुल्तानपुर में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। सूत्रों के मुताबिक इस सप्ताह वर्षाजनित हादसों में मरने वालों की तादाद बढ़कर 106 पहुंच गई है।