Mandi news in hindi : हिमाचल प्रदेश के मंडी में तेज बारिश और बादल फटने से भारी तबाही हुई। 14 लोगों की मौत हो गई, 5 लोग घायल हुए हैं जबकि लापता 31 लोगों की तलाश की जा रही है। हादसे के 3 दिन बाद भी मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत क्षेत्र में दिखाई नहीं दे रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि सांसद कहां है? और 3 दिन बाद भी क्षेत्र में क्यों नहीं आईं। कंगना ने ट्वीट के माध्यम से इसका जवाब भी दिया है।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी पोस्ट में कंगना लिखा कि उन्हें जयराम ठाकुर ने ही फिलहाल यहां ना आने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि नेता विपक्ष जयराम ठाकुर जी ने उन्हें कहा कि जब तक सराज और मंडी जिले के बाढ़ से ग्रस्त अन्य इलाकों में कनेक्टिविटी नहीं हो जाती तब तक वह इंतजार करें।
कंगना ने अपनी पोस्ट में लिखा, हिमाचल प्रदेश में हर साल फ्लड से नुकसान हो रहा है, जो कि काफी दिल तोड़ने वाला है। उन्होंने आपदा और बाढ़ से जूझ रहे मंडी के सराज और अन्य इलाकों में पहुंचने की कोशिश की थी, लेकिन जयराम ने उन्हें कनेक्टिविटी शुरू होने तक इंतजार करने के लिए कहा है। डीसी मंडी ने आज भी रेड अलर्ट जारी किया है और वह प्रशासन की मंजूरी की इंतजार कर रही हैं और जल्द ही लोगों के बीच आएंगी।
It is heartbreaking to see massive flood devastation in Himachal almost every year now, I tried reaching to flood affected areas in Seraj and other areas in Mandi, but advised by respected leader of opposition Shri @jairamthakurbjp ji to wait untill the connectivity and reach to…
भाजपा सांसद कंगना ने 2 जुलाई को अपनी पोस्ट में कहा था कि हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में बादल फटने की हृदयविदारक घटना बेहद पीड़ादायक है। इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं, ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दें, घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले और लापता लोगों की सुरक्षित वापसी हो— यही प्रार्थना है। मैं CMO Himachal से अपील करती हूं कि राहत व बचाव कार्यों में तेजी लाई जाएं और प्रभावितों को हर संभव सहायता अविलंब उपलब्ध हों।
हिमाचल प्रदेश के मंडी ज़िले में बादल फटने की हृदयविदारक घटना बेहद पीड़ादायक है।
इस आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति मैं गहरी संवेदना व्यक्त करती हूँ, ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दें, घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ मिले और लापता लोगों की सुरक्षित वापसी हो— यही…
मंगलवार को मंडी के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की दस घटनाएं, तीन बार अचानक बाढ़ और एक भूस्खलन की घटना हुई थी। 7 शव गोहर से, 6 थुनाग से और एक शव मंडी जिले के करसोग उपमंडल से बरामद किया गया।
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक इस प्राकृतिक आपदाओं में 150 से ज्यादा मकान, 106 मवेशियों को रखने के लिए बनाया गया आश्रय, 31 वाहन, 14 पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं। उसने बताया कि कुल 164 मवेशी मारे गए, जबकि 402 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 348 मंडी में थे। प्रभावितों के लिए पांच राहत शिविर बनाए गए हैं।
एसईओसी के मुताबिक खराब मौसम के कारण राज्य में पिछले कुछ दिनों में 246 सड़कें यातायात के लिए बंद हो गई हैं, जिनमें से 145 मंडी जिले में हैं। इसके अलावा 404 ट्रांसफार्मर और 784 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं। सोलंग नाले के पास बाढ़ आने के कारण मनाली-केलांग मार्ग यातायात के लिए बाधित हो गया है। इलाके में यातायात को रोहतांग दर्रे की ओर मोड़ दिया गया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने मलबा हटाने के लिए 84 उत्खनन मशीनें, एक रोबोट, तीन डोजर और 36 टिपर लगाए हैं। उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने और खराब नेटवर्क के कारण, क्षेत्र में समन्वय एक चुनौती बना हुआ है, और दूरसंचार विभाग द्वारा थुनाग क्षेत्र में इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) को सक्रिय किया गया है। इसके अलावा, आपातकालीन संचार के लिए क्षेत्र में आईएसएटी की सेवा भी शुरू की गई है।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की दो टीम के अलावा, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस तथा होमगार्ड के कर्मी मंडी में खोज एवं बचाव अभियान में तैनात किये गए।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट : मौसम विभाग ने 5 से 7 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश के 7 जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी देते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। किन्नौर और लाहौल एवं स्पीति जिलों को छोड़कर पूरे राज्य में भारी बारिश की चेतावनी देते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने अगले 24 घंटों में कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर के कुछ हिस्सों में हल्के से मध्यम स्तर की अचानक बाढ़ आने की भी चेतावनी दी है।