गुवाहाटी। एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को 'असम का दुश्मन' करार देते हुए असम सरकार में मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि वह भारतीय एवं असमी संस्कृति की रक्षा के लिए चरमपंथी हैं। पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (एनईडीए)के समन्वयक सरमा ने अजमल पर असम की संस्कृति के विपरीत काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह तब तक पहचान की राजनीति की बात करते रहेंगे जब तक लोकसभा सदस्य एवं विपक्षी नेता राजनीति परिदृश्य में रहेंगे।
उन्होंने कहा, इस धरती पर भारतीय एवं असमी संस्कृति की रक्षा के लिए मैं चरमपंथी हूं। अगर किसी ने मुझे यह तमगा दिया है तो कृपया कर मेरा आभार एवं धन्यवाद उन लोगों तक पहुंचा दें। दरअसल सरमा से प्रश्न किया था कि विपक्ष उन्हें ध्रुवीकरण की राजनीति के चरमपंथी की तरह पेश कर रहे हैं। उनके इस प्रश्न पर सरमा ने ये बातें कहीं।
उन्होंने कहा, लेकिन जब तक बदरुद्दीन अजमल होंगे, तब तक हम विकास एवं पहचान की राजनीति की बात करेंगे। अगर यह मुझे चरमपंथी बनाता है तो मैं इससे खुश हूं।सरमा ने कहा, संभवत: यह असम की राजनीति का सबसे खतरनाक दौर है। वह (अजमल) कट्टरपंथी संगठनों से पैसा ला रहे हैं। समाज सेवा के नाम पर वह नेटवर्क बना रहे हैं जो असम की संस्कृति के हित में नहीं है।(भाषा)