क्वीन मेरीज़ टेक्निकल इंस्टिट्यूट (QMTI) पुणे का वातावरण 19 जुलाई को काव्य रस से सराबोर हो गया, जब संस्थान में पुनर्वास प्राप्त कर रहे विकलांग सैनिकों ने अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से पहला कवि सम्मेलन प्रस्तुत किया। इस विशेष आयोजन का आयोजन KavitaKAFE द्वारा किया गया था, जिसमें पुणे के प्रतिष्ठित कवियों के साथ-साथ सैनिक कवियों ने भी अपने भावों को मंच पर उतारा।
नायक रंजीत पोदार, हवलदार अवधूत विश्वनाथ पाटिल, सीपीएल अंकित आचार्य और क्यूएमटीआई के पुस्तकालयाध्यक्ष आरए ढोकटे ने देशभक्ति, पुलवामा हमले, जीवन और प्रेम जैसे विषयों पर मार्मिक कविताएं प्रस्तुत कीं, जो सैनिकों के जीवन और संघर्ष की सच्ची झलक थीं। हरीशरण द्विवेदी द्वारा की गई भावनात्मक वायलिन प्रस्तुति एवं अनुपम बनर्जी के गीत ने माहौल को और भी संगीतमय बना दिया। क्यूएमटीआई के अधिष्ठाता कर्नल वसंत बल्लेवार ने भी सैनिकों के जीवन पर आधारित अपनी रचना सुनाकर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन मधुसूदन शिंदे ने आत्मीयता के साथ किया।
कर्नल बल्लेवार वार ने कहा, इस आयोजन से हमारे सैनिकों को बहुत आनंद मिला और अब अनेक सैनिक इसमें भाग लेने के लिए उत्सुक हैं। रचनात्मकता को प्रोत्साहित कर उनकी भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करना उनके मानसिक पुनर्वास के लिए एक प्रेरणादायी मार्ग है।
KavitaKAFE द्वारा आमंत्रित शहर के कवियों (भंवर, सुरभि जैन, मोहम्मद आज़ाद और तुषार गाडेकर) ने भी विविध विषयों पर अपनी कविताओं की प्रस्तुति दी। संस्था की संस्थापक गरिमा मिश्रा ने अपनी दो कविताएं सुनाईं और कहा, क्यूएमटीआई के मंच पर प्रस्तुति देना अत्यंत भावनात्मक अनुभव रहा। सैनिकों का उत्साह और ऊर्जा दर्शनीय थी। यह आयोजन इतना सफल रहा कि हम इसे अपनी नियमित गतिविधियों में शामिल करने की योजना बना रहे हैं।
1917 में स्थापित QMTI, भारत का अग्रणी संस्थान है जो विकलांग सैनिकों के लिए व्यावसायिक पुनर्वास का कार्य करता है। यह कवि सम्मेलन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह साहस, संवेदना और कला के उपचारात्मक प्रभाव का एक जीवंत उदाहरण बन गया।
Edited By : Chetan Gour