पाकिस्तानी नागरिक शेख गुलजार खान उर्फ गुलजार मसीह (51) को पिछले सप्ताह हैदराबाद के निकट चेरलापल्ली केंद्रीय कारागार से रिहा किया गया था। आंध्र प्रदेश के नांदयाल जिले में रहने वाली भारतीय नागरिक दौलत बी ने गुलजार की हिरासत को लेकर तेलंगाना उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसके बाद गुलजार को रिहा किया गया।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट के रहने वाले गुलजार को 2011 में जाली दस्तावेजों और अवैध रूप से भारत में दाखिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। गुलजार ने दौलत बी से शादी की थी और वह नांदयाल में पुताई का काम करता था। पहले ही एक बच्चे की मां बी ने गुलजार से शादी की और फिर दोनों के चार बच्चे हुए।
दौलत बी ने कहा, मेरे पति को यहीं रहना है। उन्हें यहां रहने का अवसर दिया जाना चाहिए। यही मेरी इच्छा है। जब मेरी बारी आएगी तो मैं यह बात अदालत को बताऊंगी। वह हैदराबाद में तेलंगाना उच्च न्यायालय जाने की तैयारी कर रही हैं, जहां 27 जुलाई को उनके पति के मामले पर सुनवाई होनी है।
महिला ने कहा कि उन्होंने अब तक अपने पति के मामले में किसी भी प्राधिकारी से अपील नहीं की है, लेकिन अब वह ऐसा करेंगी क्योंकि हैदराबाद पुलिस ने उन्हें बताया था कि गुलज़ार को पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, हैदराबाद पुलिस ने मुझसे कहा है कि उन्हें (गुलजार) पाकिस्तान भेज दिया जाएगा। आपको (बी) को यहीं रहना होगा लेकिन उन्हें जाना होगा।
लेकिन दौलत बी ने कहा, मैंने उनसे कहा कि वे हमें अलग न करें। अगर उन्हें ले जाया गया तो हम कैसे रह सकते हैं? मैंने उनसे कहा कि गुलजार को यहां रहने की अनुमति दें। दौलत बी ने कभी विदेश यात्रा नहीं की। वह 2011 से कुछ समय पहले गुलजार के एक गलत नंबर डायल करने की वजह से उनके संपर्क में आई थीं। उस समय गुलजार हैदराबाद के अपने दोस्त से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। (सांकेतिक फोटो)
Edited By : Chetan Gour (भाषा)