निगम के कर्ता-धर्ताओं का तर्क है कि मृत मछलियों की संख्या लाखों में नहीं है। जो पानी बड़े से छोटे बिलावली तालाब में शिफ्ट किया जा रहा था, वह काफी गंदा हो गया था। निगम उसे हटाकर साफ पानी भरना चाहता है ताकि उसका पीने के लिए इस्तेमाल हो सके। निगम का यह भी कहना है कि जो मछलियां वहां से हटाई गई हैं, वे करीब 15 क्विंटल है। इसमें भी कोई आश्चर्य नहीं कि यदि छोटी मछलियों का वजन 15 क्विंटल है तो उनकी संख्या लाखों में हो भी सकती है। सोचने वाली बात यह है कि एक ओर मत्स्य विभाग द्वारा ने तालाब में मछलियां संख्या बढ़ाने के लिए मछलियां छोड़ी थीं, वहीं निगम की लापरवाही ने उनकी मेहनत पर भी पानी फेर दिया।