इस बीच, जिला और सत्र न्यायाधीश राजीव कुमार श्रीवास्तव ने खुली जेल के प्रयोग को सराहा है। उन्होंने कहा, 'कई बार ऐसा होता है कि क्षणिक आवेग के कारण लोग गंभीर अपराध कर बैठते हैं। ऐसे लोग जब सजा के दौरान लम्बे समय तक सामान्य जेलों में बंद रहते हैं, तो उनमें मन में सामाजिक तंत्र से बगावत और अन्य नकारात्मक भावनाएं घर कर जाती हैं। इन लोगों को नकारात्मक भावनाओं से बचाकर उनकी सामाजिक बहाली के लिए खुली जेल का प्रयोग सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।'
श्रीवास्तव ने कहा, 'खुली जेल में सजा पूरी करने के बाद जब कैदी रिहा होंगे तो वे समाज को और समाज उनको बेहतर तरीके से अपना सकेगा।' खुली जेल जिला जेल की प्रशासकीय निगरानी में शुरू की गई है।