स्टालिन ने सचिवालय में नीली क्रांति योजना के तहत 10 नौका मालिकों को ये उपकरण आवंटित किए। इस योजना के तहत 18.01 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत पर तमिलनाडु में 4,997 मशीनीकृत नावों पर ट्रांसपोंडर लगाया जाना है। ये नौका मालिक चेन्नई, नागपट्टिनम, तूतीकोरिन और कन्याकुमारी जिलों के हैं।
यह उपकरण दो-तरफ़ा संचार का आदान-प्रदान करता है और मछुआरों को सूचना संप्रेषित करने और उनसे प्राप्त करने में मदद करता है। यह अधिकारियों को गहरे समुद्र में एक नाव के वास्तविक स्थान, उसके मार्ग का पता लगाने और बचाव के प्रयासों के लिए उचित उपाय करने में सहायता देने में सक्षम है।
चक्रवात, तूफान या भारी बारिश के दौरान गहरे समुद्र में नावों से मत्स्य विभाग के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष तक और इसके उलट नियंत्रण कक्ष से नाव मालिक तक भी संदेश प्रेषित किया जा सकता है। संदेश सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भी भेजे और प्राप्त किए जा सकते हैं।
जिन क्षेत्रों में अधिक मछलियां हैं, उनकी जानकारी, मौसम का पूर्वानुमान और अन्य सभी प्रासंगिक पहलुओं पर अधिकारियों द्वारा नाविकों को संदेश भेजे जा सकते हैं। मछुआरे ब्लू टूथ से जुड़कर और ट्रांसपोंडर को ठीक करने के बाद एक मोबाइल ऐप का उपयोग करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। (File photo)
Edited By : Chetan Gour (भाषा)