पुलिस के अनुसार, तस्कर कुरियर सेवा का इस्तेमाल करते हुए नशीली दवाएं विदेश भेजते थे और इनका नियंत्रण कनाडा से किया जाता था। गिरोह मुख्य रूप से अफीम और डेट रेप ड्रग केटामाइन की तस्करी में संलिप्त थे। एआईजी काउंटर इंटेलीजेंस एचकेपीएस खाख ने बताया कि गिरोह का मास्टर माइंड कमलजीत सिंह चौहान, जो कनाडा का नागरिक है पर मूल रूप से जालंधर के फिल्लौर जिले से है तथा दविंदर निरवाल है जो मूल रूप से राजस्थान के गंगानगर का निवासी है पर इस समय लुधियाना के खन्ना में रहता है।
पुलिस ने आरोपियों के पास से पौने पांच किलो कैटेमाइन, छह किलो अफीम बरामद की है जो खाना बनाने के दोहरे तले वाले सात बर्तनों में पैक की गई थी जो कनाडा कुरियर किए जाने वाले थे। पुलिस ने दविंदर देव के अलावा जालंधर के अजित सिंह, तरलोचन सिंह तथा होशियारपुर के गुरबख्श सिंह को गिरफ्तार किया गया है।
खाख ने बताया कि गिरफ्तारियां एक गुप्त सूचना के आधार पर जालंधर के जंडू सिंघा के निकट हरीपुर टी प्वाइंट से की गई। प्रारंभिक जांच के अनुसार, कुरियर के जरिए नशीली दवाएं कनाडा भेजने की योजना और तैयारी कमलजीत ने पिछले साल यहां आने पर की थी। दविंदर उर्फ देव और अजित सिंह पर भारतीय स्रोतों से नशीली दवाओं का प्रबंध करने का जिम्मा था।
पुलिस के अनुसार, गिरोह ने पहले प्रायोगिक तौर पर अफीम के दो पैकेट (छह और 14 किलो के) 'मिठाइयों के डिब्बों' में पैक कर कमलजीत को भिजवाए थे। पुलिस के अनुसार वर्तमान डील के लिए अफीम मध्य प्रदेश से खरीदी गई थी और कैटेमाइन उत्तर प्रदेश के रामपुर से। जालंधर ग्रामीण पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी देव 2011 में भी नशीली दवाओं की तस्करी के लिए गिरफ्तार किया जा चुका है। ड्रग मनी से उसने बड़ी संपत्तियां बनाई थीं और 6000 वर्गफुट का एक कमर्शियल प्लाजा खरीदा था, जो प्रवर्तन निदेशालय सील कर चुका है। अजीत सिंह भी पहले गिरफ्तार हो चुका है। (वार्ता)