पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि नोएडा स्थित कंपनी के मालिक पर आरोप है कि उसने कम अनुभवी डेवलपरों को रखा और उनकी पहचान, अनुभव के साथ फर्जीवाड़ा किया तथा फर्जी कर्मचारियों को रखा और अमेरिकी कंपनी से 2006 से 2015 के बीच सॉफ्टवेयर बनाने समेत विभिन्न सेवाओं के लिए भारीभरकम रकम वसूली। इसके अलावा सॉफ्टवेयर को अमेरिका के अन्य ग्राहकों को भी बेच दिया।