गुप्ता ने बताया कि युवती द्वारा गैंगरेप के बारे में युवकों की पहचान नहीं बताने, ऑटो चालक एवं घटनास्थल की शिनाख्त नहीं करने पर पुलिस को उस पर संदेह हुआ था और उसके बाद उसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को खंगाला गया। उन्होंने बताया कि मोबाइल नंबर की तकनीकी जांच करने पर यह भी पता चला कि युवती का फोन वारदात वाली रात से दूसरे दिन सवेरे पांच बजे तक सक्रिय था और अलवर से जयपुर आने तक युवती की उसके दोस्त से कई बार इसी मोबाइल पर बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि जयपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने के बाद भी युवती के फोन पर उसके मित्र का फोन आया था और उसके बाद वह स्टेशन से उसके साथ ही गई थी।