जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को राहत नहीं

सोमवार, 30 मई 2016 (16:21 IST)
श्रीनगर। हुर्रियत कांफ्रेस के दोनों धड़ों के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज मौलवी उमर फारुख समेत विभिन्न अलगाववादी नेताओं को नजरबंदी से राहत नहीं दी गई है जबकि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) प्रमुख मोहम्मद यासिन मलिक को केंद्रीय जेल श्रीनगर स्थानांतरित कर दिया गया है।
 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि घाटी में कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए विभिन्न अलगाववादी नेताओं पर प्रतिबंध लगाया गया है।
 
एचसी के नरमपंथी धड़े के प्रवक्ता शाहीदुल इस्लाम ने बताया कि मीरवाइज उमर फारुख को गत 25 मई से उनके निवास पर नजरबंद कर रखा गया है। उनके निगीन क्षेत्र स्थित निवास पर अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस बल की तैनाती की गई है। उन्हें बिना इजाजत के बाहर नहीं निकलने को निर्देश दिया गया है।
 
वहीं संगठन के कट्टरपंथी धड़े के प्रवक्ता अयाज अकबर ने बताया कि गिलानी को उनके हैदरपुरा स्थित निवास पर नजरबंद कर रखा गया है। उनके निवास के बाहर भी भारी संख्या में सुरक्षा बलों और राज्य पुलिस बल के जवानों की तैनाती की गई है।
 
उन्होंने बताया कि संगठन के महासचिव शब्बीर शाह को भी पिछले 1 महीने से उनके निवास पर नजरबंद कर रखा गया है और उनके निवास के बाहर सुरक्षा बलों के जवानों की तैनाती की गई है। उन्हें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई है।
 
जेकेएलएफ के प्रवक्ता ने बताया कि यासिन मलिक को कोठीबाग पुलिस स्टेशन से रविवार को श्रीनगर स्थित केंद्रीय कारागार स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें गत 25 मई को गिरफ्तार किया गया था। 
 
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में कहा था कि राज्य में पर्यटन का मौसम समाप्त होने के बाद अलगाववादी नेताओं को राजनीतिक मंच पर जगह दी जाएगी। (वार्ता)

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