बड़ी संख्या में अन्नाद्रमुक कार्यकर्ताओं ने दीपा के आवास पर पहुंचकर उनसे नेतृत्व की भूमिका में आने की अपील की जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की। कुछ दिन पहले दीपा ने कहा था कि वह अन्नाद्रमुक के संस्थापक एमजीआर की जयंती पर आज अपने राजनीति में प्रवेश का ऐलान करेंगी लेकिन उन्होंने केवल इतना कहा कि वह राजनीति में आने के लिए तैयार हैं।
हालांकि उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि वे नया दल बनाएंगी या किसी दूसरे दल में शामिल होंगी। दीपा ने कहा कि अभी तक सवाल उठते रहे हैं और संदेह जताया जाता रहा है कि मैं राजनीति में आऊंगी या नहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातों पर विराम लगाने के लिए मैं आज (एमजीआर की जयंती पर) यह स्पष्ट करती हूं कि मैं राजनीति में प्रवेश करुंगी। जनता के लिए काम करूंगी और मेरी यह इच्छा है।
उन्होंने कहा कि मैंने राजनीति में प्रवेश करने का फैसला किया है। मैं जयललिता की जयंती पर 24 फरवरी को ऐलान करंगी। मुझे नहीं लगता कि इसके लिए इससे अच्छा कोई और दिन होगा। दीपा के मुताबिक मेरी अम्मा ने जो काम छोड़ा, वह जारी रहना चाहिए। उनका नाम और साख कायम रहनी चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि क्या अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला को पार्टी में विभाजन को रोकने के लिए प्रयास करने चाहिए तो दीपा ने कहा कि मेरी इस बारे में कोई राय नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें अन्नाद्रमुक में शामिल होने या नये राजनीतिक दल में शामिल होने के सुझाव दिए जा रहे हैं और इससे अलग भी कुछ राय हैं, जिन पर मैं अध्ययन करने के बाद फैसला लूंगी। अगर शशिकला उन्हें अन्नाद्रमुक में शामिल होने के लिए आमंत्रित करती हैं तो वह क्या करेंगी, इस सवाल पर दीपा ने कहा कि नहीं। मैं केवल सीधा जवाब दे सकती हूं और वह है ना। (भाषा)