Traffic Challan News : उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन ने शुक्रवार को कहा कि यातायात चालान कानून की गरिमा को बहाल करके और आम आदमी के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाकर कानून के शासन को बढ़ावा देते हैं। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा, और इन नियमों का उद्देश्य क्या है? यह सिर्फ राज्य को समृद्ध बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि हमारी सड़कें सुरक्षित हों। न्यायाधीश राजधानी में ट्रैफिक चालान के लिए शाम की अदालतों के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे।
वह राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैफिक चालान के लिए शाम की अदालतों के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विभु बाखरू भी मौजूद थे। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा, वास्तव में इस परियोजना का उद्देश्य कानून के शासन को बढ़ावा देना है। हम कैसे कह सकते हैं कि यह कानून के शासन को बढ़ावा देता है? यह कानून के शासन को बढ़ावा देता है क्योंकि जब कोई उल्लंघन करता है, तो उसे चालान जारी किया जाता है।
उन्होंने कहा, यदि उस चालान को कचरे की टोकरी में फेंक दिया जाता है, तो यह दर्शाता है कि राज्य और न्यायिक प्रणाली कमजोर है, यह निष्क्रिय है। प्रणाली में गंभीर विसंगति है। उन्होंने कहा कि शाम की अदालतों के होने से यह सुनिश्चित होगा कि प्रणाली में जारी किए गए सभी चालानों को दर्शाया गया और लोग उनका अनुपालन कर रहे हैं।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश ने कहा, इसके जरिए हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कानून की गरिमा बहाल हो। लोग नियमों का पालन करेंगे। और इन नियमों का उद्देश्य क्या है? यह सिर्फ राज्य को समृद्ध बनाने के लिए नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि हमारी सड़कें सुरक्षित हों।
उन्होंने कहा, ये चालान क्यों काटे जा रहे हैं? यह सुनिश्चित करने के लिए कि हमारी सड़कें सुरक्षित हों, हमारा आम आदमी सड़क पर यात्रा करते समय सुरक्षित रहे। न्यायमूर्ति मनमोहन के अनुसार, पश्चिमी देशों में पुलिस ने यातायात उल्लंघन करने वालों पर नजर रखकर प्रभुत्व हासिल किया और अपनी उपस्थिति दिखाई। उन्होंने कहा, आप समझ सकते हैं कि राज्य केवल वहां की यातायात पुलिस की बदौलत ही शक्तिशाली है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour