मुंबई। अभिनेत्री कंगना रनौट गीतकार जावेद अख्तर द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि शिकायत के संबंध में सोमवार को मुंबई की एक अदालत में पेश हुईं। अदाकारा ने कहा कि उनका मजिस्ट्रेट की अदालत पर 'भरोसा' नहीं रहा, क्योंकि अदालत ने जमानती अपराध के मामले में उसके समक्ष पेश नहीं होने पर उनके खिलाफ वारंट जारी करने की परोक्ष रूप से 'धमकी' दी।
वकील ने दावा किया कि अदालत ने अप्रत्यक्ष रूप से अभिनेत्री को गैर-संज्ञेय, क्षमा योग्य अपराध और जमानती अपराध के मामले में दो मौकों पर वारंट जारी करने की 'धमकी' दी है, जहां कानून के अनुसार नियमित उपस्थिति की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि रनौट को बिना किसी वजह या कारण के अदालत में बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि आज तक ऐसा कोई आदेश नहीं आया है जिसमें यह बताया गया हो कि आखिर अभिनेत्री को जमानती, गैर-संज्ञेय और क्षमा योग्य अपराध के लिए नियमित रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता क्यों है।
अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने शिकायत को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने की रनौट की याचिका को 'बेहद अजीब' करार दिया। भारद्वाज ने कहा कि उन्होंने हमें न तो कोई नोटिस दिया है और न ही (स्थानांतरण) अर्जी की प्रति दी है।' अदालत मामले की अगली सुनवाई 15 नवंबर को करेगी। इस महीने की शुरुआत में बंबई उच्च न्यायालय ने रनौट की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें अख्तर की आपराधिक मानहानि शिकायत पर स्थानीय अदालत से उनके खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे ने अपने आदेश में कहा था कि कार्यवाही शुरू करने के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश में कोई प्रक्रियात्मक गैर कानूनी या अनियमितता नहीं है। अख्तर (76) ने पिछले साल नवंबर में अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी और दावा किया गया था कि रनौट ने एक टेलीविजन साक्षात्कार में उनके खिलाफ अपमानजनक बयान दिया जिससे उनकी प्रतिष्ठा को कथित तौर पर नुकसान पहुंचा। अपनी शिकायत में अख्तर ने दावा किया कि पिछले साल जून में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कथित आत्महत्या मामले में रनौट ने एक साक्षात्कार में बॉलीवुड में मौजूद 'गुट' का जिक्र करते हुए उनका नाम घसीटा।(भाषा)