कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उन्हें शनिवार को अदालत में पेश किया जाएगा। 5 सितंबर को हैदराबाद उच्च न्यायालय ने मोरानी की अग्रिम जमानत को निचली अदालत द्वारा इस आधार पर रद्द किए जाने के फैसले को सही ठहराया था कि मोरानी ने यह बात अदालत से छिपाई थी कि वे टू जी घोटाले में आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं और कई माह जेल में भी रह चुके हैं।
आरोप हैं कि मोरानी ने जुलाई 2015 से जनवरी 2016 के बीच दिल्ली की एक महिला का शोषण किया और कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया तथा उसकी अश्लील तस्वीरें लीं। महिला (25) ने इस वर्ष जनवरी में हयातनगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद निर्माता के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
तेलंगाना की सत्र अदालत ने 30 जनवरी को मोरानी को प्रारंभ में अग्रिम जमानत दे दी थी लेकिन बाद में अदालत को जब यह बताया गया कि मोरानी ने अपनी जमानत याचिका में यह तथ्य छिपाया है कि वे टू जी घोटाले में आपराधिक मामले का सामना कर रहे हैं और कई माह जेल में भी रह चुके हैं तो अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत रद्द कर दी थी। (भाषा)