हरिद्वार। सबसे बड़ी कावड़ यात्रा उत्तर भारत में इस बार 9 जुलाई को शुरू होगी। 21 जुलाई की रात से देशभर के शिवालयों में गंगा जल चढ़ने लगेगा और 22 जुलाई को पूरे दिन चढ़ाया जाएगा। हरिशयन एकादशी, कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले पड़ रही है। इसी के साथ ही अन्य सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।
समूचे उत्तर भारत में इस कावड़ यात्रा को सबसे बड़ा मेला माना जाता है। यही एकमात्र ऐसा मेला है जिसमें चंद दिनों के दौरान ही 2 से 3 करोड़ श्रद्धालु सड़कों पर पैदल यात्रा करते हुए गंगा जल लेकर विभिन्न राज्यों की ओर जाते हैं। गंगा जल गांव-गांव के शिवालयों में चढ़ाया जाता है। कई जगह यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और शिविर लगाने वाले स्थल चयन में जुट गए हैं।
कावड़ यात्रा आज गुरु पूर्णिमा 9 जुलाई से शुरू होगी तथा 21 जुलाई प्रदोष की रात्रि को जल चढ़ने लगेगा। 22 जुलाई को चतुर्दशी के पूरे दिन जल चढ़ाया जाएगा। इस अमावस्या का महत्व इस बार इसलिए भी बढ़ गया है, चूंकि कावड़ यात्रा के दौरान ही 16 जुलाई को सूर्य का संक्रमण कर्क राशि में हो जाएगा। कर्क में सूर्य के आते ही श्रावण मास की वर्षा ऋतु शुरू होती है। इसी दौरान सूर्य नारायण की दक्षिणायन यात्रा भी प्रारंभ होगी।