उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने आगामी कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों के लिए महत्वपूर्ण निर्देश जारी करते हुए ताकीद की है कि इस धार्मिक यात्रा के दौरान कांवड़िये साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखें और छवि को धूमिल करने वाला कोई आचरण ना करें।
गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने सोमवार को यहां बताया कि कांवड़ यात्रियों को जारी दिशानिर्देश में कहा गया है कि कांवड़ यात्रा एक धार्मिक यात्रा है इसलिए इस दौरान कोई ऐसा आचरण न करें, जिससे उनकी छवि खराब हो। मिश्रित आबादी वाले इलाकों से गुजरते समय उत्तेजनात्मक या आपत्तिजनक नारों का प्रयोग ना करें और परम्परा से हटकर कोई मार्ग या जुलूस या कार्यक्रम ना करें।
उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे बजाने पर पूरी तरह पाबंदी होगी। हालांकि आदेश प्राप्त करने के बाद नियमों के अनुसार लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति होगी। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउड स्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जाएगा।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी जिलों में धारा-144 के तहत निषेधाज्ञालागू करते हुए डीजे को प्रतिबन्धित किया जाएगा। कांवड़ यात्रा के सम्बन्ध में जो कांवड़ समितियां डीजे के इतर अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग करने की अनुमति के लिए आवेदन करना चाहती हैं, उनसे आवेदन निर्धारित प्रारूप पर प्राप्त करना होगा।
उन्होंने बताया कि इस आवेदन के सम्बन्ध में पुलिस आख्या प्राप्त कर अनुमति कांवड़ समिति के मुख्यालय के जनपद के द्वारा दी जाएगी, जो अनुमति की शर्तो के पालन की दशा में सम्पूर्ण मार्ग के लिए जिलाधिकारी द्वारा नियत अवधि के लिए मान्य होगी।
मालूम हो कि हाल के वर्षो में कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ संवेदनशील स्थानों पर कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न होती रही है। इस लिहाज से ये दिशानिर्देश महत्वपूर्ण हैं।
प्रवक्ता ने बताया कि कांवड़ियों को यात्रा के दौरान अपने ग्राम अथवा जत्थेसमूह के लोगों के साथ ही रहने, अपने साथ अपना पहचान-पत्र (परिचय पत्र-आधार, निवार्चन कार्ड आदि) अवश्य रखने, अपने साथ एक कागज पर अपना फोन नम्बर तथा अपने साथियों का फोन नम्बर अपने बैग में रखने, कांवड़ यात्री को कोई विशेष बीमारी होने पर उसकी दवा अपने साथ रखने की सलाह दी गयी है।
उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रियों को परिचित या सुरक्षित स्थान पर रुकने, कांवड़ियों के लिए निर्धारित किए गए मार्ग का ही प्रयोग करने, पुलिस प्रशासन का सहयोग करने और उनका सहयोग प्राप्त करने, कांवड़ यात्रा के रास्तों पर चलने वाले राहगीरों के साथ सहयोग करने और आकस्मिक दशा में जा रही एम्बुलेंस के लिए मार्ग छोड़ते हुए उसको सुचारू रूप से जाने देने, किसी व्यक्ति विशेष, धर्म विशेष की भावना को चोट पहुंचाने वाले किसी भी प्रकार की पैरोडी या गीत ना बजाने के लिए कहा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि सभी जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षका पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि थाना स्तर पर कांवड़ समिति की गोष्ठियां अवश्य आयोजित हों, जिसमें सम्बन्धित उप जिलाधिकारी व क्षेत्राधिकारी भी मौजूद रहें। (भाषा)